Indian Railways News => Topic started by RailXpert on Jun 08, 2013 - 21:02:19 PM


Title - दिल्ली और मुंबई की राह आसान नहीं रही
Posted by : RailXpert on Jun 08, 2013 - 21:02:19 PM

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : दिल्ली और मुंबई की राह आसान नहीं रही। घर आने के बाद लोगों की वापसी मुश्किल हो गई है। सामान्य आरक्षित टिकट की तो बात ही छोड़िए, ‘तत्काल’ का हाल भी बेहाल है। पूरी रात सड़क पर गुजारने के बाद भी हाथ में सिर्फ वेटिंग ही आ रहा है। काउंटर खुलते ही कुछ ही मिनटों में सारे टिकट बुक हो जा रहे हैं। मायूस लौटे यात्री दूसरे दिन का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद भी निराशा ही हाथ लग रही है। 1गुरुवार को आरक्षण टिकट बुकिंग कार्यालय के सामने रात 9 बजे से यात्रियों की काफी भीड़ जुटने लगी। पूछने पर पता चला कि तत्काल टिकट के लिए जुटे हैं। इनमें गांव ही नहीं महानगर के लोग भी थे। लाइन में लगने के लिए कुछ लोग पहले दिन आए थे, तो कई दूसरे दिन पहले ही आकर खड़े हो गए थे। पिपराइच के महेश और चंद्र प्रकाश ने कहा कि मुंबई जाना है, रोजाना चलने वाली गाड़ी की तो बात ही छोड़िए समर स्पेशल ट्रेनों में भी टिकट नहीं मिल रहा। अब तो वेटिंग भी नहीं मिल रहा। यहां आए हैं कि शायद तत्काल टिकट मिल जाए। चौरीचौरा के मनोज दूसरे दिन लाइन में लगने के लिए पहले ही पीआरएस के गेट पर बैठ गए थे। उन्होंने बताया कि एक दिन पहले भी मैं पूरी रात जागकर सुबह लाइन में लगा था। लाइन में पांचवें नंबर पर खड़ा था, लेकिन मेरा नंबर आते ही टिकट बुक हो गया। तिरुवनंतपुरम जाना है। महानगर के ही पादरी बाजार निवासी राकेश गेट पर जमे हुए थे। शहर में रहकर भी अभी से लाइन में। उन्होंने बताया कि सुबह होते-होते सैकड़ों की भीड़ जुट जाएगी। लाइन में आगे लगने के लिए जल्दी चले आए हैं। राकेश के माता-पिता को वैष्णव देवी धाम दर्शन के लिए जाना है। बता दें कि जून तक लंबी दूरी की किसी भी ट्रेन में कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा। तकरीबन हर ट्रेन में नो रूम की स्थिति है। 1टिकट के लिए मची भगदड़ : पीआरएस कार्यालय में शुक्रवार को सुबह तत्काल टिकट के लिए भगदड़ मच गई। लोगों की भीड़ लाइन में लगने के लिए अचानक कार्यालय में घुसी। इस दौरान अफरा-तफरी मच गई। सुरक्षा बलों ने स्थिति संभाली। पहली जून से पीआरएस और यूटीएस पर यात्रियों की संख्या में बेतहाशा बढोत्तरी हुई है। औसतन प्रतिदिन 50 हजार लोग यात्र कर रहे हैं। गुरुवार को तो सिर्फ यूटीएस से 63 लाख रुपये की कमाई हुई। 1जागरण संवाददाता, गोरखपुर : दिल्ली और मुंबई की राह आसान नहीं रही। घर आने के बाद लोगों की वापसी मुश्किल हो गई है। सामान्य आरक्षित टिकट की तो बात ही छोड़िए, ‘तत्काल’ का हाल भी बेहाल है। पूरी रात सड़क पर गुजारने के बाद भी हाथ में सिर्फ वेटिंग ही आ रहा है। काउंटर खुलते ही कुछ ही मिनटों में सारे टिकट बुक हो जा रहे हैं। मायूस लौटे यात्री दूसरे दिन का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद भी निराशा ही हाथ लग रही है। 1गुरुवार को आरक्षण टिकट बुकिंग कार्यालय के सामने रात 9 बजे से यात्रियों की काफी भीड़ जुटने लगी। पूछने पर पता चला कि तत्काल टिकट के लिए जुटे हैं। इनमें गांव ही नहीं महानगर के लोग भी थे। लाइन में लगने के लिए कुछ लोग पहले दिन आए थे, तो कई दूसरे दिन पहले ही आकर खड़े हो गए थे। पिपराइच के महेश और चंद्र प्रकाश ने कहा कि मुंबई जाना है, रोजाना चलने वाली गाड़ी की तो बात ही छोड़िए समर स्पेशल ट्रेनों में भी टिकट नहीं मिल रहा। अब तो वेटिंग भी नहीं मिल रहा। यहां आए हैं कि शायद तत्काल टिकट मिल जाए। चौरीचौरा के मनोज दूसरे दिन लाइन में लगने के लिए पहले ही पीआरएस के गेट पर बैठ गए थे। उन्होंने बताया कि एक दिन पहले भी मैं पूरी रात जागकर सुबह लाइन में लगा था। लाइन में पांचवें नंबर पर खड़ा था, लेकिन मेरा नंबर आते ही टिकट बुक हो गया। तिरुवनंतपुरम जाना है। महानगर के ही पादरी बाजार निवासी राकेश गेट पर जमे हुए थे। शहर में रहकर भी अभी से लाइन में। उन्होंने बताया कि सुबह होते-होते सैकड़ों की भीड़ जुट जाएगी। लाइन में आगे लगने के लिए जल्दी चले आए हैं। राकेश के माता-पिता को वैष्णव देवी धाम दर्शन के लिए जाना है। बता दें कि जून तक लंबी दूरी की किसी भी ट्रेन में कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा। तकरीबन हर ट्रेन में नो रूम की स्थिति है। 1टिकट के लिए मची भगदड़ : पीआरएस कार्यालय में शुक्रवार को सुबह तत्काल टिकट के लिए भगदड़ मच गई। लोगों की भीड़ लाइन में लगने के लिए अचानक कार्यालय में घुसी। इस दौरान अफरा-तफरी मच गई। सुरक्षा बलों ने स्थिति संभाली। पहली जून से पीआरएस और यूटीएस पर यात्रियों की संख्या में बेतहाशा बढोत्तरी हुई है। औसतन प्रतिदिन 50 हजार लोग यात्र कर रहे हैं। गुरुवार को तो सिर्फ यूटीएस से 63 लाख रुपये की कमाई हुई। 1